अगर आप माँ के लिए अपने जज़्बात दो लाइनों में बयां करना चाहते हैं, तो ये 2 Line की माँ शायरी आपके दिल की बात कहने का सबसे प्यारा तरीका है। माँ की ममता, प्यार और त्याग को समर्पित ये शायरी हर किसी को भावुक कर देगी।
अगर आप माँ से अपने प्यार और जज़्बात को शब्दों में बयां करना चाहते हैं, तो ये MAA Shayari आपके दिल की बात कहने का सबसे खूबसूरत ज़रिया है।

हँसकर मेरा हर गम भुलाती है माँ मैं रोता हूँ तो सीने से लगाती है माँ बहुत दर्द दिया है इस जमाने ने मुझको सबकुछ झेलकर जीना सिखाती है माँ।
मैने बिना मतलब निकाले रिश्ते निभाने वाला इंसान देख है इस जहान में केवल माँ ही है जिसकी नजर से मैने यह आसमान देखा है मेरी माँ ।
यूँ तो मैंने बुलन्दियों के हर निशान को छुआ जब माँ ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ।
कोई दुआ असर नहीं करती जब तक वो हम पर नजर नहीं रखती हम उसकी खबर रखे या ना रखे वो कभी हमें बेखबर नहीं रखती मेरी माँ।
मुझे माफ़ कर मेरे या खुदा झुक कर करू तेरा सजदा तुझसे भी पहले माँ मेरे लिए ना कर कभी मुझे माँ से जुदा।

गम हो दुःख हो या खुशिया माँ जीवन की हर किस्से मे साथ देती है खुद सो जाती है भूखी और बच्चो मे रोटी अपने हिस्से की बाँट देती है।
इस दुनिया में सब के कर्ज चुकाए जा सकते हैं लेकिन माँ का कर्ज ऐसा होता है जो किसी कीमत से नहीं चुकाया जा सकता।
एक औरत माँ बनने के लिए अपना अस्तित्व दाव पर लगा देती है लेकिन एक औलाद अपनी बीवी के लिए उसी माँ को दाव पर लगा देता है।
भटकती हुई राहों की धूल था मैं जब मां के चरणों को छुआ तो चमकता हुआ सितारा बन गया।
किसी भी मुश्किल का अब कोई हल नहीं मिलता शायद अब घर से कोई माँ का पैर छूकर नहीं निकलता।
लक्ष्मी पूजे धन मिले गुरु पूजे ज्ञान मिले माँ को पूजे सब मिले।
की माँ की बराबरी क्या कोई कर पायेगा मंदिर में पूजते हो न खुदा को माँ का पैर छू लो यही जन्नत मिल जायेगा।
एक हस्ती है जो जान है मेरी जो जान से भी बढ़ कर शान हे मेरी रब हुक्म दे तो कर दू सज्दा उसे क्यूँ की वो और कोई नही माँ है मेरी।
रब से करू दुआ बार-बार हर जन्म मिले मुझे माँ का प्यार खुदा कबूल करे मेरी मन्नत फिर से देना मुझे माँ के आंचल की जन्नत।
🤱👩🍼 जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ, में खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 माँ की बूढी आंखों को अब कुछ दिखाई नहीं देता, लेकिन वर्षों बाद भी आंखों में लिखा हर एक अरमान पढ़ लिया। 🤱👩🍼

🤱👩🍼 रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए, चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 मां तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती है, मोहब्बत इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती है। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 सख्त राहों में भी आसान सफर लगता है, यह मेरी मां की दुआओं का असर लगता है। 🤱👩🍼

🤱👩🍼 जब जब कागज पर लिखा मैंने मां का नाम, कलम अदब से बोल उठी हो गए चारों धाम 🤱👩🍼
🤱👩🍼 कल माँ की गोद में, आज मौत की आग़ोश में, हम को दुनिया में ये दो वक़्त बड़े सुहाने से मिले। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 बालाएं आकर भी मेरी चौखट से लौट जाती हैं, मेरी माँ की दुआएं भी कितना असर रखती हैं। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 बेसन की रोटी पर, खट्टी चटनी सी माँ… याद आती है चौका, बासन, चिमटा, फूंकनी जैसी माँ। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 वो लम्हा जब मेरे बच्चे ने माँ पुकारा मुझे, मैं एक शाख़ से कितना घना दरख़्त हुई। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा, माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा, खुदा ने रख दी हो जिस के कदमों में जन्नत, सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 यूं ही नहीं गूंजती किलकारियां घर आँगन के कोने में, जान हथेली पर रखनी पड़ती है माँ को माँ होने में। 🤱👩🍼

🤱👩🍼 ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैं, इस जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते हैं। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 मेरी तक़दीर में कभी कोई गम नही होता, अगर तक़दीर लिखने का हक़ मेरी माँ को होता। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ, मेरे रब के बाद मैं बस अपनी माँ को जानता हूँ। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 दिल तोड़ना कभी नहीं आया मुझे, प्यार करना जो सीखा है माँ से। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं, टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 एक मुद्दत से मेरी माँ नहीं सोई… मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 पहले ये काम बड़े प्यार से माँ करती थी, अब हमें धूप जगाती है तो दुःख होता है। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ आरिफ़, कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए। 🤱👩🍼

🤱👩🍼 चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 माँ ! के आगे यूँ ही कभी खुल कर नहीं रोना, जहाँ बुनियाद हो, इतनी नमी अच्छी नहीं होती। 🤱👩🍼🤱👩🍼
🤱👩🍼 बुज़ुर्गों का मेरे दिल से अभी तक डर नहीं जाता दोस्तो, कि जब तक जागती रहती है माँ मैं घर नहीं जाता। 🤱👩🍼🤱👩🍼
🤱👩🍼 आँखों से माँगने लगे पानी वज़ू का हम, काग़ज़ पे जब भी देख लिया माँ लिखा हुआ। 🤱👩🍼🤱👩🍼
🤱👩🍼🤱👩🍼 किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आयी, मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आयी। 🤱👩🍼
🤱👩🍼 इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है, माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है। 🤱👩🍼🤱👩🍼
🤱👩🍼 ए मुसीबत जरा सोच के आ मेरे करीब, कही मेरी माँ की दुआ तेरे लिए मुसीबत ना बन जाये। 🤱👩🍼🤱👩🍼
🤱👩🍼🤱👩🍼 कुछ नहीं होगा तो आँचल में छुपा लेगी मुझे, माँ ! कभी सर पे खुली छत नहीं रहने देगी। 🤱👩🍼🤱👩🍼
🤱👩🍼🤱👩🍼 दुआएँ माँ की पहुँचाने को मीलों मील जाती हैं, कि जब परदेस जाने के लिए बेटा निकलता है। 🤱👩🍼🤱👩🍼
🤱👩🍼🤱👩🍼 रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये, चोट लगती है हमें और तड़पती है माँ, हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें, जब मुसीबत आती है तो याद आती है माँ। 🤱👩🍼
🤱👩🍼🤱👩🍼 सब कुछ मिल जाता है दुनिया में मगर, याद रखना कि माँ-बाप नहीं मिलते, मुरझा कर जो गिर जाये एक बार डाली से, ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते। 🤱👩🍼🤱👩🍼